Bichhu Ka Khel Web Series Best Review In Hindi 2020

Bichhu Ka Khel Web Series Best Review In Hindi 2020


बिच्छू का खेल वेब सीरीज हिंदी रिव्यु एक ईमानदार पुलिस की कहानी



कलाकार- दिव्येंदु, अंशुल चौहान, सैयद ज़ीशान क़ादरी, राजेश शर्मा, तृष्णा मुखर्जी आदि।

निर्देशक- आशीष आर शुक्ला

निर्माता- एकता कपूर, शोभा कपूर

बिच्छू का खेल वेब सीरीज हिंदी रिव्यु एक ईमानदार पुलिस की कहानी


पुनर्जन्म वाली कॉन्सेप्ट आपने जरूर सुना होगा लेकिन मुझे विश्वास नहीं होता है शायद आप विश्वास करते होंगे या नहीं । लेकिन आज के इस पोस्ट में मै आपका भ्र्म दूर कर ही देता हूँ। मुन्ना भाई में भाई ने जो वादा किया था की वह अमर है वह पुनर्जम के साथ एकवार फिर आपके बीच टीभी स्क्रीन पर आ चुके है।

बहुत बहुत स्वागत है आपका हमारे इस मजेदार वेब सीरीज मिर्जापुर थ्री के हिंदी रिव्यु में तो दिल थम कर इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढियेगा।

मिर्जापुर वेब सीरीज थ्री की कहानी बनारस में रहने वाली एक अनोखी पिता और पुत्र के जोड़ी से शुरू होती है। जो पैसे के नाम पर ढकन है लेकिन इरादे और हिम्मत पुत्र और पिता दोनों के बुर्ज खलीफा के जैसा लम्बे है। लेकिन किस्मत फिर पलटी मरती है और सीनियर फेमिली मेंबर यानि पिता जी जेल के पीछे भगवन के प्यारे हो जाते है। लेकिन दोस्तों इस आखों पर इतना विस्वाश मत कीजिये ये कोई सोचा समझा आत्महत्या नहीं सोचा समझा मर्डर है जो की किसी सुपरहिट फिल्म की कहानी से काम नहीं है और यही से बदले की आग धधक यानि बिच्छू का खेल शुरू हो जाती है।


इस वेब सीरीज में मुन्ना भाई यानि अखिल श्रीवास्त्व अपने मरे हुए पिता श्री का बदला शहर के कुछ आमिर जादो का बलि देकर अपने पिता के आत्मा को शांति देने का काम करते है। पर एक किरदार और है जो अखिल श्रीवास्तव के रस्ते का सबसे बड़ा काटा है। वह है इंस्पेक्टर तिवारी जो बाहर से दबंग लेकिन अंदर से एकता कपूर के वेब सीरीज के कटर प्रसंसक है जो कानून के रखवाले बनकर अखिल को जेल के अंदर डालना चाहते है देखो डेवेन्दु एक साधारण एक्टर नहीं है उसका लोगो के बीच अलग पहचान है और लोगो की उम्मीद उससे बहुत ही ज्यादा है।

बिच्छू का खेल और मिर्जापुर वाले मुन्ना दोनों में कोई ज्यादा अंतर नहीं है जो आप देखना चाहते है वो इस सीरीज में दिखाया गया है। कुछ भी नया प्रयोग करने का खतरा नहीं उठाया गया है। आँखे बंदकर पुरे सीरीज का आप केवल संवाद सुनकर बता सकते है की पुरे सीरीज का ताकत केवल डेवेन्द्रू ही है जो पुरे शो में ट्विस्ट और टर्न्स उसके इसारे पर नाचते रहते है। परफॉमेंस में तो मामला ठीक है पर इमोशन और फीलिंग्स में पूरी वेब सीरीज आपको कुछ खास एंट्रेस नहीं करेगी।

  • 2020 की वेब सीरीज की रिव्यु दिव्येंदु की बिच्छू का खेल


पिता का बदला लेने वाला बेटा सुनने में अच्छा लगता है लेकिन स्क्रीन पर आते ही किस्सा थोड़ा नकली हो जाता है। पुलिस स्टेशन में इंपेक्टर और चोर की मजाकिया बाते जो हकीकत से कोसो दूर और इंसाफ दिलाने वाले कोर्ट की बाते ही अलग है इससे जायदा असली डोरेमान का कार्टून लगता है। शुरुआती दो तीन एपिसोड में गाड़ी काफी तेज भागती है हर सेकंड में कहनी के रंगरूप बदलते है। लेकिन नाइंथ एपिसोड तक पहुंचते पहुंचते पूरा मसाला खत्म और शो कछुए की तरह रेंगते रेंगते दी एन्ड की तरफ चली जाती है।

इस सीरीज में एक खासियत है पावर , पॉलिटिक्स , रोमन्स और रेफेंच वाली इस तड़का में असली मसाला लगाते है सेवेंटिस और एटीन्ज़ के कुछ सदाबहार गाने जो म्यूजिकल वर्सन शो के बैकग्रौंड में सपोर्टिंग एक्टर का काम करता है।

सपोर्ट से याद आता है वासेपुर वाले डेफिनेट भैया भी इस शो का हिस्सा है। सीक्रेट और लवर बॉय , जिम्मेदार और ईमानदार पुलिस इंस्पेक्टर। तो अंत बात करू तो बिच्छू का खेल सीरीज थोड़ा धीमा है लेकिन मिर्जापुर के दर्सक को बेहद पसंद आएंगे।

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